प्रिय पाठक गण,
सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम, आज की इस प्रवाह यात्रा में हम बात करेंगे, वर्तमान पर, वर्तमान से ही भविष्य, हम वर्तमान में क्या कर रहे हैं ? क्यों कर रहे हैं? उसके पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य क्या है?
इन सब बातों पर जब हम गहराई से विचार करेंगे, तो हम यही पाएंगे कि हमारा भविष्य जो भी है, वह वर्तमान से ही बनता है, हम चाहे कितने भी प्रकार की कोशिश कर ले, अगर हम वर्तमान में पूर्ण सजग नहीं है, तो भविष्य में भी सजग न होंगे
वह हमारी समस्या जस की तस रहेगी।
ईश्वर नियंता अवश्य है, मगर वह मूल रूप से आपके कर्म का ही प्रतिफल आपको प्रदान कर रहा है।
इसको हम इस प्रकार समझे, जो भी व्यक्ति अपने जीवन की शुरुआत में सही तरीके से संघर्ष करता है, वह धीमे-धीमे ही सही, एक सही लय को प्राप्त कर लेता है।
शुरुआती जीवन में हम अगर संघर्ष नहीं कर पाये तो अंत बड़ा ही विचित्र होगा।
अतः जब भी हम जीवन को देखते हैं, तो उसे पूर्ण दृष्टि से देखें, इसके तीन चरण है, बाल्यकाल, जवानी व वृद्धावस्था, और अपने बाल्यकाल में सही दिशा में संघर्ष किया है, तो आपके जीवन का मध्यकाल वह उसके बाद की जिंदगी बड़ी ही आसान हो जाती है।
उम्र का प्रथम पड़ाव बाल्यकाल है, बाल्यकाल में हम अपनी एक सही सोच का निर्माण करते हैं, तो हमारा जीवन सही दिशा और जाता है, अपने जीवन में आर्थिक आधार को मजबूत करिये,
कोई कौशल या हुनर अवश्य सीखिये, अगर आप हुनर नहीं सीखते हैं, उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहतेहैं, तो फिर उसे दिशा में प्रयास करिये, खेल के क्षेत्र में केरियर बनाना चाहते हैं तो उस दिशा में जाइये, इंजीनियर बनना चाहते हैं तो उसे दिशा में जाइये,
अब जो भी कार्य कर रहे हैं उसे पूर्ण एकाग्रता से करिये, अपनी संपूर्ण ऊर्जा उसने लगाइये, समय आने पर प्रकृति उसका सही परिणाम आपको अवश्य प्रदान करेगी।
इस समस्या लेने के बाद उसे देने की प्रवृत्ति भी होना चाहिये, समय आने पर विपत्ति में हम किसी की मदद कर सके, हम स्वयं आर्थिक तौर पर इतने सक्षम अवश्य बने, अपने परिवार का यथायोग्य पालन कर सकें, इतनी आर्थिक मजबूती अवश्य रखें।
बाल्यकाल बाद फिर समय आता है, किशोर अवस्था का,
हमें कई प्रकार के विभिन्न चलो हम लुभाने लगते हैं, उसे समय में स्थिर चित्त होकर हम सही चुनाव करें, अनुभवी व्यक्तियों केसपर्क में रहे, उनके जीवन अनुभव का लाभ लें, उनके पास नित्य कुछ समय व्यतीत करें, वह अपने जीवन अनुभव से आपको परिचित करायेंगे।
अखबार पढ़ने की, पुस्तकें पढ़ने की आदत डालें, जीवन में अच्छी पुस्तकों का अध्ययन अवश्य करें, वह आपके लिये मार्गदर्शन का कार्य करेगी, प्रातः जल्दी उठने की कोशिश करें,
उसके लिये आपको समय से सोना भी होगा।
अपने जीवन का एक निश्चित क्रम बनाये, कुछ समय स्वयं के लिये, कुछ परिवार के लिये वह कुछ समय समाज के लिये इस प्रकार से अपने जीवन को ढालने का प्रयास करें।
यह सभी हमें जीवन की शुरुआत से ही करना चाहिये, ताकि हमने जो नींव रखी है, उसकी अंतिम परिणति अच्छी हो।
निरंतर सजगता व नई चीजों को अवश्य सीखें, प्रकृति के मध्य रहे, वृक्षों को निहारे, कुछ समय शांत चित्त से ठहरे, अपने जीवन को देखे, हम उसे किस प्रकार की दिशा दे रहे हैं, जो हम करेंगे वही हमें वापिस प्राप्त होगा।
नित्य प्रति कोई भी प्रार्थना का अभ्यास करें, जो भी आपको अच्छी लगती हो, ईश्वर को धन्यवाद दे, उसने इतना सुंदर मानव जीवन आपको प्रदान किया है।
अपनी संकल्प शक्ति को जागृत करें, संकल्प वान व्यक्ति अपने जीवन में कमाल करते हैं, इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण "दशरथ मांझी" है, इन्होंने अपने जीवन में एक लक्ष्य धारण किया, पहाड़ को बीच में से काटकर रास्ता तैयार कर दिया, उसमें उन्हें वर्षों का समय लगा, पर संकल्प शक्ति के कारण ही वे इस कार्य को कर सके। संघर्षों से न घबराये, वे तो जीवन -पथ पर आयेंगे ही, उसके
लिये संकल्पबद्ध हो, अपने जीवन को स्वयं दिशा प्रदान करें।
विशेष:-सार रूप में, हम वर्तमान में जो भी कर रहे हैं ,या करेंगे ,
हमारे भविष्य का निर्माण उसी होगा, एक निश्चित पथ का चुनाव करिये वह पूर्ण दृढ़ता पूर्वक उस पर स्थिर रहिये, पूर्ण लगन से उसे कार्य को करिये, आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय भारत
जय हिंद