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आज हमने देखा है कुछ इन निगाहों में ,
कहना तो बहुत कुछ चाहती है ये निगाहें, लेकिन कुछ कहने से घबराती है ये निगाहें।
देखो कैसी है इनकी यह दिलफरेब अदाएं ,
निगाहे तुम्हारी ये जान ले लेगी हमारी ,
खामोश जुबाँ है ,मगर निगाहों से सब कुछ होता बयाँ है,
तुम्हारे दिल में क्या है, उसका आईना है निगाहें ,
कहना तो बहुत कुछ चाहती है यह निगाहें।
है किसी पर मेहरबाँ ये निगाहें ,पर उसका नाम जुबाँ पर कभी न ला पाए।
एक अनसुलझी सी पहेली है तुम्हारी निगाहें ,
रास्ता यह किसका देखती है तुम्हारी निगाहें ,आज राज़ सबकुछ जाहिर कर रही हैं ये निगाहें।
प्रेम का अथाह सागर है तुम्हारी निगाहें,
कहना तो बहुत कुछ चाहती है यह निगाहें, लेकिन कुछ कहने से घबराती है ये निगाहें।
1 टिप्पणियाँ:
waah !!!
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