प्रिय पाठकगण,
सभी दिन उस परमपिता ने ही बनाए हैं, मन में सबके प्रति हित की भावना रखकर अपने कार्य को संपूर्ण योग्यता से करना, उसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करना, अपने कर्मों में संपूर्ण श्रद्धा व विश्वास से अपने कार्य को करने से निश्चित ही उत्तम परिणाम हमें प्राप्त होते हैं। कोई कारण नहीं कि हम कार्य तो सही दिशा में कर रहे हो और परिणाम ही ना मिले, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। प्रत्येक कर्म का परिणाम तो हमें अवश्य मिलता ही है।
अतः अपनी संपूर्ण सूझ-बूझ व योग्यता से अपने प्रत्येक कर्मों को करिए, तब निश्चित ही परिणाम आप के पक्ष में होंगे।
आप जो कर्म करें उस प्रभु को साक्षी रखकर करें, जो कर्म हमें निम्न सोच या स्तर की ओर ले जा रहा हो वह न करें, संपूर्ण विवेक से कार्य करें व अपने लक्ष्य को पार करें।
आप अपनी मानसिक दृढ़ता के बल पर बहुत कुछ बदल सकते हैं। अपनी संपूर्ण योग्यता से कार्य करने पर निसंदेह आप आगे जा सकते हैं। कोई कारण नहीं कि आप उन्नति न कर पाए।
सर्वप्रथम अपनी व्यक्तिगत विशेषताओं व रुझान को पहचाने कि आपको कौन सा कार्य सर्वाधिक प्रेरित करता है, किस कार्य में आपकी अभिरुचि है, उसी कार्य को करें न कि अन्य लोगों की बातों पर जाएं। निश्चित तौर पर सफलता आपके कदमों में होगी।
अगर आप किसी भी कार्य में असफल हुए हैं तो उसके सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करें फिर उन कारणों को पहचानकर वह कमजोरियां दूर करें। जब कोई अन्य आपके उसी कार्य क्षेत्र में सफल है और आप नहीं तो आप अपनी असफलता के मूल कारण को जानिए। आप सही दिशा बोध से कार्य करेंगे तो अवश्य ही सफलता को प्राप्त करेंगे। अपनी राह स्वयं बनाएं।
आपका अपना,
सुनील शर्मा।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो,
जो भी अच्छा नियम ले उसका संपूर्ण शक्ति से पालन करें यही आपकी सफलता का मंत्र है।
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