प्रिय पाठक,
सादर नमन।
पिछले दिनों देश व प्रदेश ( मध्य प्रदेश ) में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल सभी किसान संगठनों से एक अपील मानवीय मूल्यों को न तोड़े, साथ ही मुख्यमंत्री माननीय शिवराज जी आप तो भारतीय संस्कृति के समर्थक हैं, व्यक्तिगत रूप से मैं आपका प्रशंसक हूं, कृपया देखें कहां चूक हुई है, कोई भी समस्या एक दिन में तो नहीं उपजती। किसान संगठनों व मुख्यमंत्री जी दोनों पक्षों से विनम्र अपील, निश्चित ही यह देश हित व मानवीय मूल्यों के विरुद्ध कदम है। सकारात्मक सोच के जरिए ही इसका हल निकाला जा सकता है। टकराव से तो कोई भी समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता है, हिंसक प्रदर्शन तो कतई उचित नहीं है। सकारात्मक बातचीत इसका हल हो सकती है।
कृपया दोनों ही पक्ष अविलंब इस पर चर्चा कर गतिरोध दूर करें, इससे आम नागरिक भी परेशान व आहत है।
कोई भी हल निकले वह आपसी बातचीत व ठोस क्रियान्वयन की दिशा में हो जिससे जल्द ही स्थिति में सुधार हो, पर यह सब तभी संभव है जब दोनों ही पक्ष अपना हठ छोड़कर बातचीत करें। स्थिति को सुधारने के लिए एकमात्र सही विकल्प आपसी बातचीत ही हो सकती है।
यह देश पहले भी कई बार समस्याओं से गुजर चुका है। कृपया दोनों ही पक्ष अपने अंतर्मन में देखें कि इस प्रकार का
अड़ियल रुख क्या देश व मानवीय हित में है। समाधान शीघ्र निकालें यही विनय।
एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जो उचित जान पड़ा वही लिख रहा हूं, अगर कहीं भाषा थोड़ी कमजोर हो गई हो तो क्षमा करें।
समस्या का समाधान आपसी बातचीत ही हो सकती है। कृपया मिलकर इस समस्या का निराकरण करें।
सम-सामयिक = कठोर निर्णय जो देश हित व मानवीय मूल्यों पर आधारित हो, शीघ्रतापूर्वक बातचीत करें, समस्या को जितना टाला जाएगा वह और गंभीर रूप धारण कर लेगी।
इति शुभव भवतु। पुनः एक बार अपनी भारतीय संस्कृति को नमन, जो अपनी विविधता के कारण ही जीवंत है। कृपया
अविलंब कोशिश की जाए।
आपका अपना,
सुनील शर्मा।
2 टिप्पणियाँ:
कुल मिलाकर बेहतर और दूरगामी परिणाम देने वाली प्लानिंग से ही हल निकाला जा सकताा है। आपको लेख अच्छा है।
धन्यवाद, आपके द्वारा मेरे लेख की की गयी सराहना मुझे और अधिक अच्छे लेखन के लिए प्रेरित करेगी ...बहुत-बहुत धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें