प्रिय पाठक वृंद,
समसामयिक में इस बार अरविंद केजरीवाल ने जिस प्रकार का साहसिक फैसला दिल्ली में अपनी सरकार चलाते हुए लिया है, वह प्रशंसनीय है। वहां पर उन्होंने महंगी शिक्षा के ऊपर एक जबरदस्त प्रहार करते हुए मनमानी फीस लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिस प्रकार से उपराज्यपाल जी से मंजूरी ली है वह बधाई के पात्र हैं, साथ ही उपराज्यपाल जी द्वारा भी इस प्रकार की कार्यवाही हेतु सहमति प्रदान करना निश्चित की बड़ा ही शुभ संकेत है।
हमें अरविंद केजरीवाल जी की को इस मायने में वाकई अन्य राजनेताओं से अलग श्रेणी में रख सकते हैं। वह आक्रामक स्वभाव के जरूर है पर उनमें निर्णय लेने का जो माद्दा है, वही उन्हें अन्य नेताओं से अलग कतार में खड़ा करता है। बगैर राजनीतिक पूर्वाग्रह के देखें तो अन्य राजनेताओं से इस मामले में वे अलग है। वह त्वरित कार्रवाई करना पसंद करते हैं, इससे उनके कई आलोचक व विरोधी भी है परंतु सही फैसला या गलत फैसला ही सही उसके लिए जिस साहस की जरूरत होती वह उनमें है।
आज की राजनीति जिस प्रकार के स्तर पर है वहां ऐसे मुखर राजनेता आवश्यक भी है। इस देश की जनता भी बधाई की पात्र हैं, जो समय आने पर अपना सही चुनाव करती है, यही तो इस देश के लोकतंत्र और जनतंत्र की खासियत है। आशा है मामला सुप्रीम कोर्ट भी अगर गया तो न्यायालय जनता के हक में फैसला देगा। बहुत समय बाद देश की राजनीति में कोई अच्छा कदम देखने को मिला है वरना आरोप-प्रत्यारोप के सिवाय देश में हो क्या रहा है।
केजरीवाल जी को ऐसे साहसिक कदम हेतु बधाई। शिक्षा सस्ती उपलब्ध होगी तो बहुत सारे भ्रष्टाचार पर वैसे ही अंकुश लग जाएगा क्योंकि आज भी देश में महंगी शिक्षा के कारण कई व्यक्ति अपने बच्चों को चाहते हुए भी उच्च शिक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं।
विशेष = ऐसे क्रांतिकारी कदम की उम्मीद अब देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी है, क्या उन्हें अभी तक इस बात का संज्ञान नहीं हो पा रहा है कि महंगी शिक्षा भ्रष्टाचार के मूल कारणों में से एक है।
आपका अपना,
सुनील शर्मा।
समसामयिक में इस बार अरविंद केजरीवाल ने जिस प्रकार का साहसिक फैसला दिल्ली में अपनी सरकार चलाते हुए लिया है, वह प्रशंसनीय है। वहां पर उन्होंने महंगी शिक्षा के ऊपर एक जबरदस्त प्रहार करते हुए मनमानी फीस लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिस प्रकार से उपराज्यपाल जी से मंजूरी ली है वह बधाई के पात्र हैं, साथ ही उपराज्यपाल जी द्वारा भी इस प्रकार की कार्यवाही हेतु सहमति प्रदान करना निश्चित की बड़ा ही शुभ संकेत है।
हमें अरविंद केजरीवाल जी की को इस मायने में वाकई अन्य राजनेताओं से अलग श्रेणी में रख सकते हैं। वह आक्रामक स्वभाव के जरूर है पर उनमें निर्णय लेने का जो माद्दा है, वही उन्हें अन्य नेताओं से अलग कतार में खड़ा करता है। बगैर राजनीतिक पूर्वाग्रह के देखें तो अन्य राजनेताओं से इस मामले में वे अलग है। वह त्वरित कार्रवाई करना पसंद करते हैं, इससे उनके कई आलोचक व विरोधी भी है परंतु सही फैसला या गलत फैसला ही सही उसके लिए जिस साहस की जरूरत होती वह उनमें है।
आज की राजनीति जिस प्रकार के स्तर पर है वहां ऐसे मुखर राजनेता आवश्यक भी है। इस देश की जनता भी बधाई की पात्र हैं, जो समय आने पर अपना सही चुनाव करती है, यही तो इस देश के लोकतंत्र और जनतंत्र की खासियत है। आशा है मामला सुप्रीम कोर्ट भी अगर गया तो न्यायालय जनता के हक में फैसला देगा। बहुत समय बाद देश की राजनीति में कोई अच्छा कदम देखने को मिला है वरना आरोप-प्रत्यारोप के सिवाय देश में हो क्या रहा है।
केजरीवाल जी को ऐसे साहसिक कदम हेतु बधाई। शिक्षा सस्ती उपलब्ध होगी तो बहुत सारे भ्रष्टाचार पर वैसे ही अंकुश लग जाएगा क्योंकि आज भी देश में महंगी शिक्षा के कारण कई व्यक्ति अपने बच्चों को चाहते हुए भी उच्च शिक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं।
विशेष = ऐसे क्रांतिकारी कदम की उम्मीद अब देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी है, क्या उन्हें अभी तक इस बात का संज्ञान नहीं हो पा रहा है कि महंगी शिक्षा भ्रष्टाचार के मूल कारणों में से एक है।
आपका अपना,
सुनील शर्मा।
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