प्रिया पाठक गण ,
सादर वंदन,
आप सभी को मेरे द्वारा लिखे गए लेख कैसे लग रहे हैं, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें, आपकी प्रतिक्रिया मेरे लेखन का बल है।
आज प्रवाह में मेरा लेख व आपसे संवाद है परिस्थितियों से संघर्ष निश्चित ही हम सभी की परिस्थितियां भिन्न है, पर उस ईश्वर ने हम सभी को मानस ऊर्जा एक सी ही प्रदान की है, आवश्यकता उसे जागृत कर सही दिशा की ओर बढ़ने की है।
जो भी परिस्थितियों को बदलने का साहस करता है,तब वह प्रकृति आश्चर्यजनक रूप से कदम दर कदम उसकी सहायता को तत्पर हो उठती है।
कैसी भी परिस्थितियों का जीवन में आप सामना कर रहे हो, संघर्ष की राह न छोड़ें, एक दिन आप अवश्य मंजिल को पा लेंगे।
जो भी व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा पूर्वक वह मनोयोग से अपनी समस्या का समाधान खोजने का प्रयास करता है, वह उस परम चेतना द्वारा निर्देशित किया जाता है।
उस परमपिता की मंगलमय चेतना उसका परम कल्याण करती हुई समस्त बाधाओं को भी अपनी मंगल कृपा से दूर कर देती है।
बस,आपको निश्चय पूर्वक वह पूर्ण सांहस से अपनी परिस्थितियों का ध्यान पूर्वक अवलोकन करना है, शांत चित्त से समस्या को समझना है, हल अवश्य निकल आएगा।
ऐसी कोई भी समस्या नहीं जिसका निदान न हो, पर उसमें पूर्ण समग्र दृष्टि से अवलोकन करने पर राहअवश्य निकल जाती है।
चल तो सही अपनी मंजिल की ओर, पथ में साथी भी मिल जाएंगे, स्वमेव ही ,प्रकृति सहायक हो उठेगी, समस्त द्वार खुल जाएंगे, हटना ही होगा बाधाओं को, ऐसा दृढ़ निश्चय जब हम मानस में जगायेंगे।
इन्हीं शब्दों के साथ लेख को यहीं विराम देता हूं, शेष अगले लेख में पुनः एक नई पठनीय सामग्री के साथ आप लोगों के समक्ष आऊंगा।
विशेष:-कैसी भी कठिन परिस्थिति जीवन में हो, हमें हार नहीं मानना चाहिए। संपूर्ण जीवटता से उसका सामना करना चाहिए, संकट कितना भी गहरा क्यों ना हो, समाधान अवश्य निकलता है।
इति शुभम भवतु
आपका अपना
सुनील शर्मा
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