ऊप्रिय पाठक गण,
सादर वंदन,
आप सभी को मेरा मंगल प्रणाम,
प्रवाह की इस अनूठी भाव धारा में आप सभी का अभिनंदन स्वागत।
हम सभी अपनी अपनी जीवन यात्रा में अक्सर एक दूसरे से बातों बातों में यह जरूर सुनते हैं, समय बलवान है।
आइए, इसका समग्र विश्लेषण करें कि समय कैसे बलवान है। हमें अपने अच्छे समय में जब हमारे पास पर्याप्त साधन हो,तब किसी ने किसी तरह से लोगों की मदद अवश्य करना चाहिए, उसके पीछे यही कारण है, समय बड़ा बलवान है। आज आपका अच्छा समय है, कब विपरीत होगा या हो सकता है आपको भी नहीं पता तो क्यों ना अपने अच्छे समय इन लोगों की मदद अवश्य करें, विपत्ति काल में आपके द्वारा की गई मदद अवश्य पलटती है। परंतु हां इतना अवश्य याद रखें, योग्य व्यक्तियों की मदद करें जिनमें आगे बढ़ने का उत्साह तो है, पर साधन नहीं है। सुपात्र व्यक्तियों का चयन करें फिर उनकी मदद करें, ताकि वह भी इस परिपाटी को जीवित रखे व औरों की मदद करें।
याद रखिए यह सृष्टि ईश्वर की बनाई जरूर है, पर इसे चलाने का दायित्व भी बुद्धिमान प्रज्ञावान लोगों की जवाबदारी है।
यह समाज हम सभी का है,अतः हमारा नैतिक दायित्व भी है कि समय निकालकर हम अपना समय इस सृष्टि की बेहतरी में लगाएं, बेहतरीन व्यक्तियों को चुने, उन्हें दिशा व मार्गदर्शन दे, ताकि समाज में भी परिवर्तन का माध्यम बन सके।
समय बलवान है, तो ईश्वर ने हमें इतनी सामर्थ्य प्रदान की है, हम वर्तमान समय का मूल्य तो समझे ही, आगामी अच्छी योजनाओं की नींव भी रखें, याद रखिए दूरदर्शी व्यक्ति ही भविष्य को बदलने की गहरी समझ रखते हैं। जो दूरदर्शी नहीं होते हैं, भूतकाल में जीते हैं, यह दूरदर्शी होते हैं वर्तमान में जीते हैं वह भविष्य की बेहतर योजना बनाकर उस पर अमल करते हैं।
समय बलवान तो है पर समय को सही तरीके से नियोजित करेंगे समय विपरीत नहीं आएगा।
विशेष:-जो अपने समय की कद्र करते हैं, समय भी उनकी कद्र करता है। समय को पहचानते हुए उचित निर्णय लेते जाए, सही योजनाओं का चयन करें, पूर्ण विश्वास से डटे रहे, जीत आपकी होगी, फिर हम कह सकेंगे कि समय बलवान जरूर है,पर सही नीतियों वह इसके सही क्रियान्वयन से इसे भी अपने पक्ष में किया जा सकता है।यही मेरा इस पंक्ति को देखने का नया नजरिया है
आपका अपना
सुनील शर्मा
इति शुभम भवतु
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