न थमो,न रुको, रहो चेतन हरदम, सजग प्रहरी बनो स्वयं के।
किस दिशा में जाना है, तय करो पूर्ण सजगता से
यही एकमात्र उत्थान का रास्ता है।
मार्ग में लोग लालच भी आएंगे, जीवन की दिशा को भटकायेगे।
लेकिन पूर्ण सजगता से अनवरत चलना, मार्ग ना बदलना।
तभी जीवन की पूर्णता हो सकेगी।
मानता हूं कई सारी खामियां होंगी हम में,
पर खूबी भी तो कोई होगी, उस पर ही काम करना।
जीवन को यंत्र सा न बना लेना, महसूस करना सुख दुख दूसरों के भी, वक्त की नजाकत को सदैव समझना।
जीवन की शर्त ही यही है, अनवरत चलना।
तुम चलोगे, और भी चलेंगे, प्रेरणा बनोगे औरों की भी,
सदा अनवरत चलना।
सूर्य से चमकना प्यारे गगन में, कभी क्षीण ना होना
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