सादर वंदन,
आप सभी को मंगल प्रणाम।
ईश्वर ने हम सभी को समान अवसर व समय दिया है, मगर हम हमारे समय का किस प्रकार सदुपयोग या दुरुपयोग करते हैं, उसी पर हमारी आगे की प्रगति टिकी होती है।
सही लक्ष्य को चुनना, फिर दृढ़ संकल्प शक्ति को धारण कर उस लक्ष्य की ओर ही चलने पर हम अवश्य ही उसको पा लेंगे। हमारे मन व अवचेतन मन में कई गहरी शक्तियां छिपी हुई है,उसी प्रकार जैसे बीज में विशाल वृक्ष छुपा होता है।
हमें अपने अंतर्मन में यह दृढ़ विश्वास रखते हुए कार्य करना चाहिए कि हम अपने कार्य व लक्ष्य में सफल होंगे।
फिर यह परम प्रकृति स्वयं ही आपकी सहायक हो उठेगी, हमें हमारे अवचेतन में सकारात्मक विचारों को ही स्थान प्रदान करना चाहिए, अंततः आप अपने लक्ष्य को पा ही लेंगे।
चाहे वह लक्ष्य आपका आध्यात्मिक हो, भौतिक हो, जो भी लक्ष्य आपका हो, आप कल्पना करें आप लक्ष्य के नजदीक हैं सभी लोग आपकी लक्ष्य में सहायता कर रहे हैं। आपको उस लक्ष्य प्राप्ति में प्रकृति सहयोग प्रदान करते हुए आपकी राह बना देगी।
अपने लक्ष्य पर अडिग रहिए, एक बार आप जो भी विचार करें, उसे बारंबार अपने ह्रदय में दोहराते रहें, फिर वही विचार एक शक्तिशाली पुंज बन जाएगा।
इस संपूर्ण ब्रह्मांड में जो कुछ भी है, वह मानव ने अपनी इच्छाशक्ति व प्रयासों से ही पाया है।
आपका स्वयं का लक्ष्य के प्रति अटूट समर्पण ही आपको अपनी मंजिल तक पहुंचाता है।
विशेष:- हम सभी एक सी ही कृपा व कुदरत के एक समान नियम से बंधे हैं, आप दीजिए, आपको मिलेगा, तो आप अच्छा विचार करिए, आपको अच्छे साथी प्राप्त होंगे, वह आप अपने लक्ष्य में सफल होंगे।
आपका अपना
सुनील शर्मा
इति शुभम भवतु।
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