सादर वंदन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का निधन राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है, जिसकी पूर्ति कभी नहीं हो सकती।
श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के बाद अगर कोई सौम्य व गरिमामय व्यक्तित्व अगर राजनीति में थे, तो वे श्री प्रणब मुखर्जी थे।
अटल जी के बाद वह भी ऐसे राजनीतिक रहे, जो निष्पक्ष ,निर्भीक ,राष्ट्रभक्त राजनेता रहे, जिनका अपना गरिमामय व्यक्तित्व था।
उनका जाना राष्ट्रीय क्षति है, मुखर्जी जी के संपर्क में जो भी व्यक्ति रहा होगा, निश्चित ही वह व्यक्ति उनसे प्रभावित हुए बिना ना रहा होगा।
उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन एक ऐसे राजनेता के रूप में व्यतीत किया, जो हमेशा राष्ट्र के संवर्धन की ही बात सोचा करता, वे अपने निजी विचारों पर दृढ़ रहते थे, यह भी उनकी एक खासियत थी, जब भी किसी विषय पर उन्होंने कहा, उनकी भाषा हमेशा सारगर्भित व गरिमामय रही।
ऐसे महान व्यक्तित्व को संपूर्ण राष्ट्र व मेरी ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। इसके साथ ही आज की पीढ़ी के युवा राजनेताओं से अपील, ऐसे ही राजनेता बने, जिनकी निर्विवाद छवि हो, निष्पक्षता व निडरता से जो अपनी बात कह सकें, ऐसे राजनेता बने, उनके जीवन से प्रेरणा लें।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय हिंद
जय भारत
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