हम सब किसी न किसी प्रकार विभिन्न अहसासों से गुजरते हैं, हम सभी का जीवन एक अहसास है, इस संसार में हम सभी किन्हीं एहसासों को जीते हुए ही पले व बड़े होते है।
जो भी व्यक्ति दिल से हमारे करीब होता है, हर पल हमारी उन्नति चाहता है, जीवन में हर समय आगे की ओर बढ़ते हुए देखना चाहता है, वह व्यक्ति या विचार या एहसास हमें जीवन ऊर्जा से पूर्ण करता है, कोई भी व्यक्ति जिसके हम करीब होते हैं,
वह विभिन्न प्रकार की विचारधाराओं का एक संगम होते हैं।
हमें सबसे अधिक करीब वे मालूम होते हैं, जिनके जीवन
मैं हमारी वैचारिक उपस्थिति की महत्ता हो, हम मनुष्य हैं, सुख दुख के क्षण आते व जाते हैं, सबसे करीब वही होता है, जो बिना
शर्त सदैव हमारे साथ रहे, यह जीवन एक निरंतर यात्रा है,
अहसासों की, जिसके चले जाने पर हम जीवित होते हुए भी मृत ही होते हैं, इस एक ही जीवन यात्रा में हम विभिन्न अहसासों को जी लेते हैं, जिसे हम हृदय से चाहते हैं, उसका अहित हम नहीं देख सकते, यह एक अहसास है, जिसके हम सबसे अधिक करीब होते हैं, प्रथम हमारे परिवार के सदस्य, फिर रि हम अपनीयत्रा केश्तेदार व हमारे पड़ोसी वह घनिष्ठ मित्र, जो बिना किसी स्वार्थ के हमसे जुड़ाव
रखते हैं, लेकिन हर एहसास की एक सीमा है, हमारे भीतर जो जीवन को जीने की ललक को जगाता है, जीवन को शिद्दत से जीना, रिश्तो को निभाना जो जानता है, वह व्यक्ति अपने सामाजिक जीवन की सभी मर्यादाओं का पालन करता हुआ भी हमें एक जीवंत एहसास से पूर्ण कराता है।
हमारा जीवन केवल हमारा नहीं, उससे कई जीवन जुड़े हैं,
हम अपने जीवन में स्वयं का हित संरक्षण करते हुऐ कितने और व्यक्तियों को उनके जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान कर पाते हैं, हमारा यह आत्मिक एहसास हमें जीवन ऊर्जा से परिपूर्ण करता है।
भौतिक साधनों की
बहुतायत होते हुए भी हम जैसे किसी मृग मरीचिका की भांति
हमारा जीवन जीते हैं, हम अपनी यात्रा के दौरान अपने जीवन में
विभिन्न परिवारिक, सामाजिक दायित्व बोधो के तले दबे होते हैं,
अपने जीवन की प्राथमिकताएं हम स्वयं ही तय नहीं कर पाते।
जीवन हमें कई बार व्यवहारिक पहलुओं से परिचित कराता है।
जो वास्तव में हमारा अपना सबसे करीबी मित्र है, वह हमारा स्वयं में गहरा विश्वास, क्योंकि वही आत्मविश्वास का एहसास
ही हमें जीवन में न केवल स्वयं हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा हमें देता है, वरन् हमारे साथ जुड़े हर इंसान में भी एक अंगूठे आत्मविश्वास का संचार कर देता है, जीवन को हम किस प्रकार के नजरिये से देखते हैं, मानवीय बोध अगर गहरा हो तो हम सही मार्ग पर चलते हैं, मानवीय बोध अगर गहरा न हो तो हम मार्ग भटक भी सकते हैं,
अपना जीवन जीते हुए हम किस प्रकार औरों के जीवन में आगे बढ़ने में मदद करते हैं, वही हमारी जीवन ऊर्जा को और बढ़ाता है, हम हमेशा बोध न होने के कारण इसके विपरित मार्ग
को अपना लेते हैं वह मानवीय संवेदनाओं से परे होने पर और अधिक अशांत हो जाते हैं।
चिंतन जितना अधिक गहरा होगा अनुभूति जितनी अधिक होगी, उतना ही हमारा जीवन प्रशस्त होगा, हमारे जीवन यात्रा में
माननीय एहसास कि हमें ऊपर उठाते हैं, जितना हम मानवीयता
करीब होते हैं, उतनी ही अधिक जीवन ऊर्जा से हम भरपूर होते हैं।
विशेष:- हमारे जीवन की पूर्णता मानव होने में है, यह
एहसास हमें गहरे चिंतन मनन के बाद ही आता है, जीवन तो हम
सभी जी रहे है, पर इस यात्रा में हम कितनों का साथ सही ढंग से निभा सके, उसे पर ही हमारे जीवन यात्रा की सार्थकता है, यही अहसास हमें पूर्णता की और ले जाता है।
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